टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी ने सोलर सेल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए तमिलनाडु के तिरुनेलवेली स्थित अपने कारखाने में उत्पादन शुरू कर दिया है। इस पहल से भारत में सौर उपकरणों के घरेलू निर्माण को मजबूती मिलेगी और स्वदेशी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा।
Tata power की प्रमुख बातें:
उत्पादन क्षमता:
तिरुनेलवेली प्लांट में 4,300 मेगावाट की कुल उत्पादन क्षमता है, जिसमें दो गीगावाट सौर सेल और मॉड्यूल इकाइयाँ शामिल हैं। यह भारत का सबसे बड़ा सौर सेल और मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट है, जहां सोलर मॉड्यूल का भी उत्पादन होता है।
बढ़ती मांग को पूरा करने की क्षमता: tata power
टाटा पावर की यह नई इकाई बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए उच्च गुणवत्ता वाले सौर उपकरणों की मांग को पूरा करने के लिए तैयार है।
सौर मॉड्यूल उत्पादन की शुरुआत:
अक्टूबर 2023 में सौर मॉड्यूल का उत्पादन शुरू हुआ था, और अब तक 1,250 मेगावाट का उत्पादन हो चुका है।
भारत के लिए उज्ज्वल भविष्य: टाटा पावर
टाटा पावर के CEO और MD, डॉ. प्रवीर सिन्हा ने कहा कि यह कदम आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण है और सौर ऊर्जा के माध्यम से भारत के उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करेगा।
कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा:
टाटा पावर का यह प्लांट भारत के शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य का समर्थन करेगा और देश के नवीकरणीय ऊर्जा उद्देश्यों को पूरा करने में मदद करेगा।
विस्तार की योजना:
टाटा पावर भविष्य में बाजार में व्यापक वितरण के अवसर तलाशने की योजना बना रही है, जिससे इसकी आपूर्ति श्रृंखला और भी मजबूत होगी।
अन्य संयंत्र:
तिरुनेलवेली के अलावा, बेंगलुरु में भी कंपनी का एक विनिर्माण संयंत्र है, जो 1992 में स्थापित हुआ था। इसकी सौर मॉड्यूल उत्पादन क्षमता 682 मेगावाट और सौर सेल क्षमता 530 मेगावाट है।
यह पहल भारत में सौर ऊर्जा की दिशा में आत्मनिर्भरता और नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्यों को प्राप्त करने में एक बड़ा कदम साबित होगी।
यह भी पढ़े – Bajaj Housing Finance IPO: निवेश करें या नहीं? एक्सपर्ट की राय